Mahakumbh: धर्म के नाम पर किस कदर बेवकूफ बनाया जा सकता है, इसका नमूना है यह वीडियो. एक शख़्स ने ‘आपदा में अवसर’ योजना का लाभ उठाते हुए अपना स्टार्टअप शुरू किया है. प्रयाग इंटरप्राइजेज नाम से. दीपक गोयल नाम का यह शख़्स लोगों को मात्र 1100 रुपये में ‘कुंभ स्नान’ करवाता है. ताज्जुब की बात यह है कि इस स्नान के लिए आपको बस या ट्रेन में भूसे की तरह भरकर जाने की ज़रूरत नहीं है और ना ही घटों लाइन में लगकर और महंगा किराया देकर हवाई जहाज़ से जाने की ज़रूरत है.
सवाल उठता है कि आप जाएंगे नहीं तो स्नान कैसे करेंगे? यहीं से दीपक गोयल का विज्ञान शुरू होता है. संभवत: विश्वगुरु भारत के यह पहले वैज्ञानिक हैं जिन्होंने यह नूतन खोज की है. आश्चर्य यह है कि लोगों को इस खोज पर ना केवल नाज़ हो रहा है बल्कि पैसे देकर वह ‘कुंभ स्नान’ के मज़े भी ले रहे हैं.
बेवकूफ़ बनाने की इस योजना का नाम दिया गया है, ‘डिजिटल स्नान’. 144 साल बाद वाले फ़र्ज़ी दावे के बीच लोगों में अमृत पीने की होड़ लगी है. लोग रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में मरने को तैयार हैं. कुंभ क्षेत्र में कुचल दिए जाने को मोक्ष प्राप्ति मान ले रहे हैं. ऐसे में अगर बिना किसी झंझट आपको “अमृत स्नान” का पुण्य मिल जाए तो क्या बुरा है? दीपक गोयल ने शायद इसी विचार को बेचा और लोगों ने लपक भी लिया.
दीपक गोयल लोगों से इस “अमृत स्नान” के बदले 1100 रुपये एडवांस में लेते हैं. बिना पैसे लिए वो किसी को “अमृत स्नान” नहीं कराता. इसलिए पहले पैसा दें, तभी “अमृत स्नान” का पुण्य मिलेगा.
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ख़ैर… आप जब पैसे देंगे, उसके बाद वह WhatsApp पर आपकी फोटो मंगवाएगा. अगले दिन वह आपकी फोटो की हार्ड कॉपी निकालेगा. फ़िर वह अपने घर से संगम घाट निकलेगा. संगम घाट पहुंचने पर बैग से आपकी फोटो निकालेगा और गंगा नदी में आपकी फोटो को डूबोकर बाहर निकाल लेगा. इसतरह “अमृत स्नान” की यह कठिन यात्रा पूरी हो जाएगी. एक मेंबर का 1100 रुपये. जितने सदस्य, उतनी फोटो गुणे 1100 रुपये.
1100 रुपयों में आपकी फोटो को कुंभस्नान करवाता एक सनातनी व्यापारी।
कुंभ मेले के कारण कइयों को धंधा मिला है।।#KumbhMela2025 pic.twitter.com/nN5n36DjDh— Inderjeet Barak🌾 (@inderjeetbarak) February 21, 2025
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यह धंधा ना केवल चल रहा है बल्कि वायरल भी हो रहा है. मेरा कहना है कि पैसे को खर्च करने के और भी कई तरीके हो सकते हैं. लेकिन इस तरह से कोई आपको बेवकूफ़ बनाए और आप बन भी जाएं तो फिर क्या कहेंगे? बिहार में एक कहावत है- बुड़बका क धन, होशियरका के चटनी. यानि कि बेवक़ूफ का धन और बुद्धिमान का चखना.
Last Updated on February 22, 2025 7:49 am